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Navgrah Shanti prayog
Navgrah Shanti prayog
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Description
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नवग्रह शांति प्रयोग ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसका उद्देश्य कुंडली में ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करना और उनके शुभ प्रभावों को बढ़ाना है। यह प्रयोग सभी नौ ग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, और केतु) की शांति के लिए किया जाता है। इसके निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं:
नवग्रह शांति प्रयोग के लाभ:
ग्रहों के दुष्प्रभाव में कमी:
यदि कुंडली में कोई ग्रह अशुभ स्थिति में है (जैसे सूर्य का नीच होना, शनि की साढ़े साती, या राहु-केतु का दोष), तो यह प्रयोग उनके नकारात्मक प्रभावों को कम करता है।
मानसिक शांति और स्थिरता:
ग्रहों की शांति से मानसिक तनाव, चिंता, और भ्रम की स्थिति कम होती है। व्यक्ति को निर्णय लेने में स्पष्टता और आत्मविश्वास मिलता है।
आर्थिक समृद्धि:
ग्रहों के शुभ प्रभाव से धन प्राप्ति के योग बनते हैं। आर्थिक बाधाएं, जैसे नौकरी में रुकावट, व्यवसाय में नुकसान, या अनावश्यक खर्च, कम हो सकते हैं।
स्वास्थ्य में सुधार:
ग्रहों के अशुभ प्रभाव से स्वास्थ्य समस्याएं (जैसे पेट, त्वचा, या मानसिक रोग) उत्पन्न हो सकती हैं। नवग्रह शांति प्रयोग से इन समस्याओं में राहत मिल सकती है।
पारिवारिक सुख और समृद्धि:
यह प्रयोग परिवार में कलह, रिश्तों में तनाव, और वैवाहिक जीवन की समस्याओं को कम करने में मदद करता है। इससे पारिवारिक सौहार्द बढ़ता है।
करियर और शिक्षा में सफलता:
ग्रहों की शांति से शिक्षा में एकाग्रता, नौकरी में उन्नति, और व्यवसाय में सफलता के अवसर बढ़ते हैं। विशेष रूप से बुध और बृहस्पति की शांति से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है।
आध्यात्मिक उन्नति:
यह प्रयोग व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाता है। ग्रहों की कृपा से ध्यान, भक्ति, और धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ती है।
दुर्भाग्य और बाधाओं से मुक्ति:
यदि बार-बार असफलता, दुर्घटना, या अचानक समस्याएं आ रही हों, तो नवग्रह शांति प्रयोग इन बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है।
विवाह और संतान सुख:
कुंडली में ग्रहों के दोषों के कारण विवाह में देरी या संतान प्राप्ति में रुकावट हो सकती है। यह प्रयोग इन समस्याओं को हल करने में मदद करता है।
सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि:
ग्रहों की शांति से व्यक्ति की सामाजिक छवि और सम्मान में वृद्धि होती है। लोग उसका आदर करने लगते हैं।
Policy
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नवग्रह शांति प्रयोग ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसका उद्देश्य कुंडली में ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करना और उनके शुभ प्रभावों को बढ़ाना है। यह प्रयोग सभी नौ ग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, और केतु) की शांति के लिए किया जाता है। इसके निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं:
नवग्रह शांति प्रयोग के लाभ:
ग्रहों के दुष्प्रभाव में कमी:
यदि कुंडली में कोई ग्रह अशुभ स्थिति में है (जैसे सूर्य का नीच होना, शनि की साढ़े साती, या राहु-केतु का दोष), तो यह प्रयोग उनके नकारात्मक प्रभावों को कम करता है।
मानसिक शांति और स्थिरता:
ग्रहों की शांति से मानसिक तनाव, चिंता, और भ्रम की स्थिति कम होती है। व्यक्ति को निर्णय लेने में स्पष्टता और आत्मविश्वास मिलता है।
आर्थिक समृद्धि:
ग्रहों के शुभ प्रभाव से धन प्राप्ति के योग बनते हैं। आर्थिक बाधाएं, जैसे नौकरी में रुकावट, व्यवसाय में नुकसान, या अनावश्यक खर्च, कम हो सकते हैं।
स्वास्थ्य में सुधार:
ग्रहों के अशुभ प्रभाव से स्वास्थ्य समस्याएं (जैसे पेट, त्वचा, या मानसिक रोग) उत्पन्न हो सकती हैं। नवग्रह शांति प्रयोग से इन समस्याओं में राहत मिल सकती है।
पारिवारिक सुख और समृद्धि:
यह प्रयोग परिवार में कलह, रिश्तों में तनाव, और वैवाहिक जीवन की समस्याओं को कम करने में मदद करता है। इससे पारिवारिक सौहार्द बढ़ता है।
करियर और शिक्षा में सफलता:
ग्रहों की शांति से शिक्षा में एकाग्रता, नौकरी में उन्नति, और व्यवसाय में सफलता के अवसर बढ़ते हैं। विशेष रूप से बुध और बृहस्पति की शांति से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है।
आध्यात्मिक उन्नति:
यह प्रयोग व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाता है। ग्रहों की कृपा से ध्यान, भक्ति, और धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ती है।
दुर्भाग्य और बाधाओं से मुक्ति:
यदि बार-बार असफलता, दुर्घटना, या अचानक समस्याएं आ रही हों, तो नवग्रह शांति प्रयोग इन बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है।
विवाह और संतान सुख:
कुंडली में ग्रहों के दोषों के कारण विवाह में देरी या संतान प्राप्ति में रुकावट हो सकती है। यह प्रयोग इन समस्याओं को हल करने में मदद करता है।
सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि:
ग्रहों की शांति से व्यक्ति की सामाजिक छवि और सम्मान में वृद्धि होती है। लोग उसका आदर करने लगते हैं।
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